छुपते-छुपाते आये
वो पर बात अभी बाकी है
दिल में सोये न
जाने जज्बात अभी बाकी है ||
वो कहकर चलते बने,
फिर आयेंगे
कैसे बताऊँ उनको
की मुलाकात अभी बाकी है ||
हे! निशा तू खीँच ले अपने तम की चादर
ताकि उनसे कह
सकूँ की रात अभी बाकी है ||
कुछ देर बैठो पास मेरे, जुल्फों से खेलो तुम
सर रखूं जिन हांथों पर वह हाथ अभी बाकी है
||
प्रेम की लौ में जल रहा मेरा चन्दन सा बदन
रोक दो इस आवेग को, एक साथ अभी बाकी है ||
इतनी जल्दी क्या है, अभी तो कुछ बात भी
नहीं हुई
जी भरकर बात करुँगी, अभी तो सारी बात बाकी
है ||
जब थम जाये आँसूं
मेरे, फिर शौक से चले जाना
ऐसे में कहाँ
जाओगे बरसात अभी बाकी है ||
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