आज फिर से अपने आप को पुरानी राहों में पाया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
सपनों की दुनियां में जहाँ दो परवाने बसते थे
खिलते थे फूल वहां पर और कलियाँ चहकते थे
साथ में अपने वो बहारें आज फिर से लाया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
उसके आने से खिल गयी जीवन की हर कली
सांसों में ऐसी खुशबू जैसे मुझे थी पहले मिली
भीगी जुल्फों में से जैसे आज सावन आया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
नशा उसकी आँखों का था ऐसा आज तक उतरा नहीं
सारे मयखाने में उस नशे का एक बूंद का कतरा नहीं
उसे पाकर मैंने दुनियाँ की जैसे सारी जन्नत पाया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
सपनों की दुनियां में जहाँ दो परवाने बसते थे
खिलते थे फूल वहां पर और कलियाँ चहकते थे
साथ में अपने वो बहारें आज फिर से लाया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
उसके आने से खिल गयी जीवन की हर कली
सांसों में ऐसी खुशबू जैसे मुझे थी पहले मिली
भीगी जुल्फों में से जैसे आज सावन आया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है
नशा उसकी आँखों का था ऐसा आज तक उतरा नहीं
सारे मयखाने में उस नशे का एक बूंद का कतरा नहीं
उसे पाकर मैंने दुनियाँ की जैसे सारी जन्नत पाया है
ऐसा लगता है फिर दिल के आँगन में कोई आया है