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शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

इंतज़ार

आज भी तेरा इंतज़ार किया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है
ख़ुशी के वो पल जो बिताये तेरे दामन में
वो हंसी के ठहाके जो लगे तेरे आँगन में
आज उस मदहोशी का एहसास किया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है
तेरे बदन की खुशबू में रमा है मेरा मन
तू ही मेरे दिल में है और तू ही मेरी धड़कन
जुदा होके तुझसे ना जाने कैसे जिया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है
दर्द होता है क्या ये हमको मालूम न था
ऐसा आएगा वक्त हमको मालूम न था
आज उन्ही जख्मों को हम सिया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है
खायी थी कसमे निभाई थी रस्मे
दिल हुआ तेरा किसी और के बस में
उस बेवफा की याद में हम पिया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है
देखने को तो सारा जहाँ हमने देखा
जो देखा था वो हमने आज कहाँ देखा
तेरे "राज" का इम्तहान लिया करते है
बीते हुए लम्हों को याद किया करते है