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मंगलवार, 17 अप्रैल 2018

बड़ा मज़ा मेरे गाँव में


पीपल, बरगद के छाँव में
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में |
कहाँ से कहाँ ये गया जमाना
नहीं दिखता अब चीज़ पूराना
अब धुल न लगती पाँव में
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में ||
धोती कुरता सब छूटा भाई
कमर बेल्ट लटकी गर टाई
टाईट जींस है पाँव में  
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में |||
बेना पंखी छुट गया सब
कूलर एसी जगह ले लिए अब
कहाँ खो गयी शुद्ध हवा अब  
जो मिलती झुरमुट के छाँव में
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में |V
उपर-नीचे सेहत होती  
स्वस्थ शरीर को आत्मा रोती
सब रोग-दोष की दवा है मिलती
बड़े बुजुर्ग के पाँव में
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में V
सादा सरल गाँव का जीवन
भीड़-भाड़ और शहर में अनबन
कितना पाए किसका ले लें
सब अपने-अपने है दांव में
था बड़ा मज़ा मेरे गाँव में VI