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बुधवार, 21 सितंबर 2011

तन्हाई

जब भी उसको तन्हाई में मेरी याद आएगी
प्यारी सी मुस्कान उसके चेहरे पे झलक आएगी
देखेगी मेरी तस्बीर को गौर से साकी
रो रो कर सिने से फिर लगाएगी
देखेगी जहाँ जहाँ मेरी निशानी को
अपने आँचल में छुपाती नजर आएगी
बीते हुए दिन की बीती हुई कहानी
अपने सखियों से कहती नजर आएगी
जब खुद को आईने के सामने पायेगी
अपनी उस छोटी सी भूल पे बहुत पछताएगी
चाहकर भी आज मेरे उन हसीं पलों के
"राज" दिल से जुबान पर ना ला पायेगी

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